पहले सवैये में से उन पंक्तियों को छाँटकर लिखिए जिनमें अनुप्रास और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है?

पहले सवैये में शब्द और अर्था दोनों अलंकारों का प्रयोग हुआ है। शब्दा अलंकार के रूप में अनुप्रास अलंकार देखने को मिलेगा वहीँ अगर अर्थ अलंकार की बात की जाय तो रूपक अलंकार भी सवैया की शोभा बढ़ा रहा है।

1. अनुप्रास अलंकार


(क) ‘कटि किंकिनि कै धुनि की मधुराई’ (यहाँ ‘क’ वर्ण की आवृत्ति हुई है।)


(ख) 'साँवरे अंग लसै पट-पीत' (पट-पीत में ‘प’ वर्ण की आवृत्ति हुई है।)


(ग) ‘हिये हुलसै बनमाल सुहाई’ (यहाँ पर ‘ह’ वर्ण की आवृत्ति हुई है।


2. रूपक अलंकार


(क) हँसी मुखचंद जुन्हाई (चन्द्रमा के समान मुख)


(ख) जै जग-मंदिर-दीपक सुंदर (संसार रूपी मंदिर के दीपक)


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